खास खबरः विकास गुप्ता ही नहीं कई परिवारों की प्रतिष्ठा का भी कत्ल किया था फर्जी डाक्टर पिंटू ने

January 23, 2021 11:47 AM1 commentViews: 2717
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झोलाछाप डाक्टरी के नाम पर युवतियों का यौन शोषण करता था पिंटूू पाल,

उम्र से कहीं अधिक सयाना होने के कारण विकास को देनी पड़ गई जान

नजीर मलिक



सीसीटीवी की इसी तस्वीर के कारण पकडे गये विकास हत्याकांड के अभियुक्त

सिद्धार्थनगर। जिले के बहुचर्चित विकास गुप्ता मर्डर केस का पटाक्षेप तो हो गया, मगर इस सवाल से जुड़ी कई तल्ख हकीकत अभी तक सवाल बनी हुई है। जिसमें पहला सवाल यह है कि अगर ढेबरुआ पुलिस जरा भी जिम्मेदारी से काम लेती तो विकास गुप्ता नाम के छात्र की जान बच सकती थी। आखिर जिले की पुलिस कब तक जिम्मेदारियों से भागती रहेगी? इसके अलावा बच्चों का जरूरत से अधिक सयाना होते जाना तथा उनके मां बाप का लापरवाह होना भी चिंता का विषय बनता जा रहा है।

विकास की हत्या भी उसके उम्र से अधिक सयानापन के चलते ही हुई। सबसे बड़ा सवाल ‘अन अथराइज’ झोलाछाप डाक्टरों को लेकर है। इनकी गैरजिम्मेदरियों के कारण मरीज ही नहीं मरते बल्कि कभी कभी समाज के लोगों को तिल-तिल  मरना पड़ता है। विकास गुप्ता की हत्या भी इन्हीं सवालों के बीच जन्मी थी। इस हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त पिंटू पाल केवल विकास का हत्यारा ही नहीं समाज के कई घरानों की इज्जत का भी कातिल था।

झोलछाप डाक्टरी की ओट में अय्याशी करता था पिंटू पाल

  ढेबरुआ थाने के पचमोहनी गांव का रहने वाला 22-23 साल का पिंटू पाल पेशे से झोलाछाप डाक्टर था। उसका अपनी करीबी रिश्ते की बहन से ही सम्बंध नहीं था, बल्कि कथित इलाज की के नाम पर अक्सर उसका सम्बंध गांव के परिवारों और उनके घरों की लड़कियों से रहता था। जिन्हें फांस कर वह दोस्तों के साथ उनका यौन शोषण करता था। शादीशुदा महिलाओं और अवैध संबंध रखने वाली युवतियों को गर्भ निरोधक दवाएं देता उनके एबार्शन करना और इसी बहाने युवतियों को फांसना उसका काम था।

इसका रहस्य तब खुला जब पुलिस ने प्रेम प्रपंच के शुबहे में क्षेत्र के एक प्रभावशाली आदमी को पूछताछ के लिए उठाया। दरअसल उसकी बेटी से भी पिंटू पाल का सम्बंध रह चुका था, जिसे लेकर विवाद हुआ था। जब वह आदमी थाने लाया गया तो इस बात का खुलासा हुआ कि पिंटू पाल झोलाछाप डाक्टरी के नाम पर समाज में क्या क्या गुल खिलाता था।

उम्र से अधिक सयाना होना विकास के लिए महंगा पड़ गया

अब आइये विकास गुप्ता की तरफ। पचमहनी गांव के ही निवासी कक्षा 11 के इस छात्र की उमर 16 और 17 साल के बीच थी। देखने में वह बहुत मासूम और कद काठी से छोटा सा लगता था। लकिन वह अपनी उम्र से ज्यादा सयाना था। मोबाइल और शोशल मडिया के इस दौर में वह वक्त से पहले काफी चालाक हो चुका था। इतनी उम्र में ही वह हर प्रकार का नशेड़ी बन चुका था। पिंटू पाल और उसकी रिश्ते की बहन के प्रेम प्रसंग के बारे में जब जब विकास को पता चला तो उसने चोरी छिपे भाई बहन की अत्तिजनक तस्बीर खींच लिया। इसके सहारे ब्लैकमैलिंग कर वह पिंटू पाल से पाकेट खर्च वसूलने लगा।
बाद में जब विकास गुप्ता पिंटू पाल की रिश्ते की बहन से मोबाइल पर लम्बी लम्बी बातचीत भी करने लगा तो पिंटू पाल को सहन न हुआ। अपनी प्रेमिका के हड़पलिए जाने के खतरे और आए दिन की ब्लैकमेलिंग से तंग आकर आखिर पिंटू ने खतरनाक फैसला किया और अन्ततः 18 जनवरी की रात विकास को इटवा ले जाकर आईटीआई भवन में अपने साथी पंकज कुमार गौतम तथा अतुल दुबे के साथ मिल कर बड़ी दरिंदगी से विकास की गर्दन काट डाला।

ढेबरूआ पुलिस सक्रिय होती तो बच सकती थी विकास की जान

अगर ढेबरुआ पुलिस चाहती तो विकास की जान बच सकती थी। दरअसल पिंटू की गुमशुदगी के  तत्काल बाद ढेबरुआ थाने की पुलिस को सूचना दी गई थी। अगर वह तत्काल हरकत में आकर पड़ोसी थानों को इत्तला कर देती तो शायद इटवा पुलिस बचा लेती, लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। वरना इटवा जैसे छोटी जगह पर विकास को तलाशना आसान था। क्योंकि कि इस बात की आशंका थी कि विकास इटवा ही गया था।

एसओ रणधीर मिश्र रहे केस के सफल इंवेस्टीगेटर

दूसरी तरफ मामले की छानबीन कर रही चार टीमों में से एक टीम के अगुआ और त्रिलोकपुर के थानाध्यक्ष रणधीर मिश्र ने अपनी योग्यता दिखाई। उन्होंने घटना स्थल पर मिली शराब की बाटल के बाद सीसीटीवी से लैश उन दुकानों को ढूंढना शुरू किया जो शराब की दुकान के बगल में हों। आखिर एक दुकान मिल ही गई जिसके फुटेज में पिंटू पाल दिख गया। पिंटू कत्ल के लगभग एक दर्जन संदिग्धों में से था।

फिर क्या था, पिंटू को पकड़ कर सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने पूरा सच बयान कर दिया और कत्ल में प्रयुक्त हथियार, मृतक विकास का मोबाइल भी बरामद करा दिया। इस प्रकार इस क्राइम थ्रिल का वर्कआउट हुआ।

1 Comment

  • Vijay Kumar Chaurasiya

    गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
    आपका चौरसिया मोबाइल शोहरतगढ़ सिद्धार्थनगर
    विजय कुमार चौरसिया 9565056075

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