आक्रोशित व्यापारियों में व्यापार मंडल अध्यक्षों को बदलने को लेकर मुहिम शुरू

July 19, 2020 12:05 PM0 commentsViews: 595
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शिव श्रीवास्तव

महाराजगंज।  बृजमनगंज व्यापार मंडल के अध्यक्षों के कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए  कस्बा वासियों ने उनके खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। लोगों ने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए सैकड़ों की संख्या में व्यापारी व्हाट्सएप ग्रुप व फेसबुक के माध्यम से  विरोध जताया है। व्यापारियों ने दोनों अध्यक्षों पर व्यापारी हित में गंभीरता से काम न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने गुस्सा जताते हुए नए सिरे से चुनाव  करा कर अध्यक्ष बदलने की मांग कर रहे हैं।

बताते चले  बृजमनगंज कस्बा में दो व्यापारी संगठन कार्यरत हैं। पहला श्याम बिहारी ग्रुप और दूसरा कंछल ग्रुप। इन दोनों संगठनों के दो अध्यक्ष हैं। जिसमें एक संगठन का प्रतिनिधित्व किशन कुमार जायसवाल  वही दूसरे  व्यापारी संगठन का अध्यक्ष आशीष जायसवाल करते हैं। दोनों अध्यक्षों का मकसद व्यापारी नेता बन अपनी राजनीतिक पकड़ बढ़ाकर अपना बिजनेस को चमकाना रहा है। यापाहरी हित इनके एजेंडे में अंत पायदान पर रहता है। कस्बे के व्यवसाई पहले इस पर ध्यान नहीं  देते थे, मगर अब ध्यान गया तो इन्हें हटाने की मुहिम चलाया है।

दोनों अध्यक्षों के विरोध पर क्यों तुले व्यापारी?

प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक अनूप मणि त्रिपाठी जो कोरोना जांच शिविर में ड्यूटी पर कार्यरत थे,  जिनका लक्षण के आधार पर जांच हुआ तो वे कोरोना  पॉजिटिव पाया गये। उसके बाद उनके परिवार की भी सेंपलिंग कराई गई, उनके परिवार के 5 सदस्य कोरोना पॉजिटिव मिले।  उन्हें इलाज हेतु पुरैना कोरोना सेंटर महाराजगंज भेज दिया गया। मामला सब ठीक-ठाक चल रहा था कि मीडिया ने प्रशासन की लापरवाही से कस्बे में बड़ी समस्या उत्पन्न होने की खबर प्रकाशित कर दिया। इसे संज्ञान में लेते हुए एसडीएम फरेंदा और सीओ फरेंदा ने आकर हॉटस्पॉट समेत नगर का औचक निरीक्षण  करते हुए व्यापारी नेताओं से बात करते हुए पूरे कस्बे को  पूर्ण रूप से बंद करने को कहा गया।

 इस बाबत दोनों व्यापारी नेता चुप्पी साधे रहे। दोनों नेता व्यापारियों के हित की बात को लेकर अधिकारियों से तनिक मुखर नहीं हुए। तदोपरांत एसडीएम फरेंदा ने मार्केट को सील करने का आदेश दे दिया। कस्बे के व्यवसायियों का कहना है कि अध्यक्षों ने व्यापारियों की परेशानियों, नुकसान और रोजी रोटी का चिंता ना करते हुए अपने हित और अधिकारियों के खास बनने में लगे रहे। कुछ व्यवसाई दबी जुबान से यह भी कहते पाए गए दोनों का व्यवसाय तो चल रहा है उन्हें हमारी फिक्र क्यों हों? अन्य  व्यापारी व उनका परिवार मरे या जिए।  

फिलहाल कस्बे में इनकी निंदा जोरों पर है और यह अपनी साख बचाने के लिए रोज नए पैतरे बदल कर खेल खेल रहे हैं। वहीं कस्बा के व्यापारियों ने मन बना लिया है। अनेक व्यापारियों का कहना है कि इस बार वोटिंग से चुनाव करा कर जनमत से अपना अध्यक्ष चुनेंगे।

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