कल्याण सिंह जी याद कीजिएǃ कभी इस सड़क से आप पैदल गुजर चुके हैं

November 11, 2017 2:53 PM0 commentsViews: 633
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––– कल्याण सिंह ने सड़क बनवाने का वादा किया, मगर मुख्यमंत्री बनने के बाद भूल गये वादा

प्रभु यदुवंशी

इस मार्ग से पैदल गुजर चुके हैं पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान राज्यपाल कल्याण सिंह

सिद्धार्थनगर।  यह नेशल हाइवे से  कालीपुरवा तक जाने वाली सड़क (चित्र  देखिए) है। यह देश के गांवों की प्रतिनिधि सड़क है। ऐसी सड़कें अधिकांश गांवों को मुख्य सड़क से जोड़ती होंगी।  हो सकता है कि आपके गांव को ऐसी ही कोई सड़क जाती हो। पिछले सत्तर सालों में अगर किसी जनप्रतिधि के क्षेत्र में ऐसी सड़क हो तो मान लेना पड़ेगा कि उस इलाके के जनप्रतिधि जनता के सच्चे प्रतिनिधि कभी नहीं हो सकते।

आज़ादी के सत्तर साल बीत जाने के बाद भी जिला मुख्यालय से मात्र 5 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम करोंदा मसिना के टोला कालीपुरवा तक जाने का एक मा़त्र रास्ता यह कच्ची सड़क ही है। करौंदा के पास नेशनल हाइवे से निकल कर यह सड़क कालीपुरवा से आगे तक निकल जाती है। इससे कुल तीन गांव की लगभग दो हजार आबादी जुड़ी है। इस सड़क की कुल लम्बाई 6 सौ मीटर है।

कल्याण सिंह के प्रिय मैदान को छूती है सड़क

शासन, प्रशासन और राजनेता जब भी इस एनएच से गुजरते हैं, यह पगडंडीनुमा सड़क उनकी आंखों में जरूर कौधती है। इस सड़क के ठीक सामने का मैदान प्रदेश के बड़े राजनेता कल्याण सिहं का प्रिय जनसभा स्थल है। कल्याण सिंह मुख्यमंत्री रहे हों या न रहे हों, वे जब भी जिले के दौरे पर आये , एक जनसभा इस सड़क के निकट जरूर की, मगर ग्रामीणों का दर्द उन्होंने भी कभी महसूस नहीं किया।  दरअसल लोधी बहुल इस इलके को कवर करने के लिए कल्याण सिंह सड़क के बगल में बने मैदान में अक्सर जन सभाएं करते रहे हैं।

दरअसल एनएच से सटे पश्चिम तरफ के मैदान के सामने से पूरब दिश में यह सड़क जाती है। अपनी राजनीति के युवा काल में कल्याण सिंह इस लोधी बहुल इलाके में बहुत बार घूमे हैं। इस सड़क पर भी चले हैं। इसी के कुछ दूरी पर सजनी जाने वाला मार्ग भी है। उन्होंने उस सड़क पर भी भ्रण किया है। ग्रामीण बताते हैं कि कई बार खुद कल्याण सिंह ने भी इस सड़क के निर्माण का वादा किया मगर मुख्यमंत्री बने तो सब भूल गये।

न विधायक को याद न ही सांसद को

इस इलाके से अब तक जाने कितने ग्राम प्रधान विधायक सांसद व मंत्री हुए, लेकिन इस गाँव की सुधि किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा नही लिया गया । हालांकि पिछले वर्ष उसी ग्राम के क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रतिनिधि प्रभु दयाल द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लखनऊ जाकर गुहार भी लगाई गयी थी और उस मार्ग के निर्माण का इस्टीमेट यहां के अधिकारियों द्वारा शासन को भेजा भी गया था, लेकिन सरकार बदल जाने से फिर से यह मार्ग अधर में लटक गया।

इस बार तो डिजिटल इंडिया का नारा देने वाली सरकार बनी। भारत का पहला डिजिटल  ब्लाक इसी इलाके के उस्का बाजार को बनाने का दावा भी कर दिया गया, मगर ६ मीटर लम्बी इस सड़क की सरकार सोलिंग तक न करा पायी। बरसात में 6 सौ मीटर लम्बी इस सड़क पर चलना सौ योजन की यात्रा जितना कठिन हो जाता है। हालांकि प्रभु दयाल द्वारा उक्त गाव तक मार्ग बनवाने हेतु मुख्मयंत्री लगायत विधायक और सांसद तक कोशिश जारी है। मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही।उम्मीद है  प्रशासन की नज़र जल्द ही इस गाँव पर पड़ेगी और गांव का कायाकल्प हो सकेगा ।

 

 

 

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