सबसे स्वच्छ प्रसव भवन को बताया सबसे गंदा, कैसी पत्रकारिता है जनाब?

May 11, 2017 4:40 PM0 commentsViews: 312
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एम. आरिफ

यह है कदिराबद का प्रसव केन्द्र और पंचायत भवन, जिसे अखबार ने गंदा व जर्जर

यह है कदिराबद का प्रसव केन्द्र और पंचायत भवन, जिसे अखबार ने गंदा व जर्जर लिखा

डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर। जिले के डुमरियागंज विकास खंड ही नही संभवतः जिले में सबसे साफ सुथरे प्रसव केन्द्र के रूप में कादिराबाद का नाम अव्वल कतार में है। लेकिन मीडिया की गैर जिम्मेदारी ने कल उसे नर्क केन्द्र बना डाला। इससे गांव के लोग बहुत क्षुब्ध है और सवाल कर रहे है कि यह कैसी पत्रकारिता है? इस गांव के लोगों ने आखिर मीडिया का क्या बिगाडा है? आखिर किस के इशारे पर यह पत्रकारिता की जा रही है?

एक बड़े अखबार ने कल बुधवार को प्रकाशित इस केन्द्र के बारे में लिखा है कि प्रसव केन्द्र के जंगले इत्यादि टूट कर गायब है। गंदगी है और प्रसव केन्द्र बदहाल है। पत्रकार महोदय ने शायद गांव का दौरा नहीं किया, सुनी सुनाई बात की पुष्टि उन्होंने गांव के प्रधान या बीडीसी से भी नहीं की। ग्राम प्रधान का कहना है कि यह गांव की छवि खराब करने की साजिश है। रिपोर्टर महोदय संभवतः द्धेष वश ऐसा लिख रहे हैं।

गांव के प्रधान के पति तस्नीम फतिमा के पति बबलू मलिक, बीडीसी प्रहलाद व अन्य गांव वाले कहते हैं कि इस समाचार के प्रकाशित होने के बाद गांव वालों को ठेस तो लगी ही है, साथ ही उक्त अखबार की विश्वसनीयता को भी ठेस लगी है। गलत खबर को सही साबित करने के चक्कर में रिपोर्टर ने समाचार के साथ फोटो भी गलत लगाया है। उनका कहना है कि यह सब एक बाहरी नेता के इशारे पर हो रहा है।

यह पूर्व मंत्री कमाल यूसुफ मलिक का भी गांव है। इस बारे में उनका कहना है कि पत्रकार का काम सही खबरें देना है। उसके लिए जरूरी है कि वह गांव की स्थिति को जाने। न कि किसी राजनीतिक प्रतिद्धंदी के कहने पर अनाप शनाप खबरें लिख कर किसी की छवि धूमिल करें। उन्होंने कहा कि यह एक निंदाजनक है। पीत पत्रकारिता की ऐसी हरकतें यह अखबार अक्सर करता रहता है।

 

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