मुसलमानों को आगे बढने के लिए आरक्षण की जंग लड़ने की तैयारी करनी होगी- जफरयाब जीलानी

December 5, 2017 2:29 PM0 commentsViews: 317
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––– मलिक फैसल और जफरयाब जीलानी की बातचीत पर आधारित खबर,  जीलानी ने उठाये कई महत्वपूर्ण मुद्दे

एस.दीक्षित

लखनऊ। बाबरी मस्जिंद के मुकदमें के पैरोकार और मशहूर वकील जफरयाब जीलानी ने कहा है कि मुसलमानों की तरक्की व बहबूदी के लिए उन्हें आरक्षण देना बेहद जरुरी है। एक देश की 20 फीसदी आबादी को मुख्य धारा से काट कर कोई भी मुल्क विकास नहीं कर सकता है। इसे समझने के लिए इतिहास और राजनीति के अतीत का अध्ययन बेहद जरूरी है।

कपिलवस्तु पोस्ट की नेटवर्किंग के अहम हिस्सा और टेक्नोक्रेट फैसल मलिक ने गत दिवस लखनऊ में जफरयाब साहब से मिल कर लंबी बात की, जिसमें उन्हों मुसलमानों के लिए आरक्षण और बाबरी मस्जिद प्रकरण में इंसाफ के मुद्दे को वरीयता दी और कहा कि इसके बिना मुल्क के समग्र विकास की कल्पना भी नही की जा सकती है।

फैसल मलिक से बातचीत के दौरान एडवोकेट जीलानी साहब ने कहा कि सच्चर कमेंटी की रिपोर्ट ने साफ बता दिया है कि देश में मुसलमानों की हालत दलितों से कहीं ज्यादा खराब है। इसलिए जरूरी कि उन्हें भी आरक्षण की सुविधा मिले। लेकिन दिक्कत है कि भारत की कोई भी सरकार मुसलमानों को अरक्षण देने के बारे में सोचना भी नहीं चाहती है।  इसके लिए हमें सरकार से लड़ना होगा।

उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर शुरुआत में ही इतनी पेचीदगियां पैदा कर  दी गईं  हैं कि इसका लाभ मुसलमानों को मिलना तकरीबन नामुममकिन हो गया। मौजूदा हालत में  संसद में  इसके लिए अलग से कानून नहीं बनाया जाता तो मुस्लिम समाज इसके समग्र लाभ से वंचित रहेगा। उन्होंने राय दिया कि संसद में मुस्लिम जनप्रतिनिधियों को इसके पक्ष में अच्छे तरीके से बात रखनी होगी।

एडवाकेट जीलानी ने कहा कि संसद के साथ आरक्षण की लड़ाई लोकतांत्रिक ढंग से सड़क पर लड़नी होगी। जलसों समिनारों में इस मुद्दे को उठाना होगा, मुस्लिम मतदाताओं को चुनाव के समय घूमने वाले नेतााओं के समक्ष इस बात को रखना होगा। जब सभी इस दबाब को महसूस करेंगे तभी सियासी दल और सरकारें इस दिशा में गंभीर हो सकेंगे।

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