वाह रे व्यवस्थाः सपत्नी जमीन पर सो कर रात काट रहे तहसीलदार साहब

March 2, 2021 1:20 PM0 commentsViews: 1078
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नजीर मलिक


सिद्धार्थनगर। सुन कर ताज्जुब करेंगे कि सदर तहसील के तहसीलदार खुद न्याय के लिए भटक रहे हैं। तहसीलदार के लिए खुद उनकी तहसील में बना आवास नहीं मिल पा रहा है। इस कारण उनका परिवार गेस्टहाउस के एक कमरे में रह रहा है। हालत कुछ ऐसी है कि तहसीलदार साहब व उनकी पत्नी को जमीन पर सोना पड़ रहा है। अब सोचिए कि इस व्यवस्था पर जनता विश्वास कैसे करेगी, जहां न्याय किसानों सहित आम आदमी को देने वाला तहसीलदार स्वयं ही न्याय पाने से वंचित रह रहा हो।
क्या है पूरी कहानी

बताया जाता है कि सदर तहसील के नये तहसीलदार राम ऋषि रमन ने एक माह पूर्व नौगढ़ तहसील का तहसीलदार पद संभाला था। उनके पूर्वाधिकारी सत्येन्द्र सिंह को बांसी में तैनाती दी गई थी। परन्तु उन्होंने आवास खाली नहीं किया। नये तहसीलदार राम श्रृष्रि रमन यह सोच रहे थे कि वह तहसीलदार आवास दो चार दिन में खाली कर देंगे। यही सोच कर वह पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में ठहर गये।
फर्श पर सोने की मजबूरी

गेस्ट हाउस में मात्र एक कमेरे में वे पांच प्राणी रहते है। जिसमें एक बेड पर उनके 74 वर्षीय पिता उनके दो बच्चों के साथ सोते हैं और तहसीलदार साहब व उनकी पत्नी को मजबूरन फर्श पर सोना प़ड रहा है। यह स्थिति एक महीना पूर्व से बनी हुई है। लेकिन तहसीलदार सत्येन्द्र सिंह तहसीलदार के लिए बने मूल आवास को खाली नहीं कर रहे हैं। जबकि उनके पास रहने के अन्य विकल्प भी हैं।
कामकाज में आ रही बाधा

ऐसा नहीं है कि तहसीलदार श्रृषि रमन ने स्थिति से अवगत नहीं कराया है। इस बात को वह पूर्व तहसीलदार को अवगत करा चुके हैं तथा अपर जिलाधिकारी को पत्र के माध्यम से भी अवगत करा चुके हैं । ऐसे में वे अपना कैम्प कार्यालय कैसे चलायें और इस समय चुनाव की तैयारी का समय है ऐसे में वह तमाम जरूरी काम गेस्ट हाउस के एक कमरे में कैसे निपटाएं, यह उनके लिए समस्या बनी हुई है।
पूर्व तहसीलदार के आवास पर नोटिस चस्पा

पता चला है कि प्रशासन उन्हें तहसील परिसर से बाहर प्रथम तल पर एक आवास आवंटित किया गया है परन्तु उनका कहना है कि उनके पिता वृद्ध हैं और अक्सर बीमार रहते हैं इसलिए उन्हें उस आवास में रहने में कठिनाई होगी। प्रशासनिक दृष्टि से उनका परिसर में ही रहना उपयुक्त होगा। वैसे भी एक स्थानांतरित अधिकारी द्वारा सरकारी आवास न खाली करना न तो न्ययोचित है न ही मानवीय। खबर है कि मीडिया में मामला जाने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने 3 दिन के अंदर सरकारी आवास खाली करने के लिए सत्येंद्र सिंह के आवास पर नोटिस चस्पा कर दिया है।
पूर्व में भी विवादों में रहे सत्येंद्र सिंह

सरकारी सूत्रों का कहना है कि पूर्व तहसीलदार सत्येंद्र सिंह एक दबंग अधिकारी माने जाते हैं। वह अतीत में काफी चर्चित रहे हैं। अभी दो महीने पूर्व उन्होंने गोरखपुर के एक पत्रकार से विवाद कर उनके खिलाफ झूठा मुकदमा लिखाया था। हालांकि उक्त पत्रकार ने उनके द्धारा कथित बेनामी सम्पत्ति के संदर्भ में उनका पक्ष जानना चाहा था। अब इस नये विवाद के कारण वे एक बार फिर सुर्खियों में आ गये हैं।

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